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जानिये आखिर वन भूमि खाली करने के नोटिस पर भड़के कहाँ ग्रामीण

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मीडिया लाइव,चमोली: देवाल विकासखंड के बेराधार अंतर्गत आने वाले बमोटिया तोक गांव में पिछले 70 वर्षों से रह रहे परिवारों को वन विभाग ने 20 फरवरी तक वन भूमि क्षेत्र खाली करने का नोटिस दिया था. जिसके बाद ग्रामीणों ने तहसील परिसर थराली में धरना-प्रदर्शन किया। साथ ही सरकार से मालिकाना हक और बेदखली का नोटिस वापस लेने की मांग उठाई. वहीं, मांग पूरी ना होने पर ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी।

तीन पीढ़ियों से वन भूमि में रह रहे परिवार: इन परिवारों का दावा है कि वो पिछली तीन पीढ़ियों से भूमि पर निवासरत हैं. परिवारों को सरकार की ओर से विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र और पोलिंग बूथ स्थापित करने के साथ-साथ सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इन परिवारों के पास दूसरी जगह आवासीय सुविधा उपलब्ध नहीं है. फिर भी वन विभाग द्वारा इन्हें भूमि खाली करने का नोटिस जारी किया गया है ।
थराली से भाजपा विधायक भूपालराम टम्टा ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिखकर बमोटिया सहित अन्य थराली विधानसभा क्षेत्र के वन भूमि क्षेत्रों में रह रहे परिवारों के लिए भूमि का नियमितीकरण और मालिकाना हक देने की पैरवी की है।

वहीं, जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने जनपद रिवर ड्रेजिंग कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की. बैठक में उन्होंने आपदा प्रबंधन अधिकारी व सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को आपदा का प्रभाव कम करने के लिये आपदा संभावित क्षेत्रों में रिवर ड्रेजिंग की आवश्यकता वाले स्थल चयनित करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने चयनित आपदा संभावित क्षेत्रों में आवश्यक कार्रवाई पूर्ण कर शीघ्र रिवर ड्रेजिंग कार्य करवाने के भी निर्देश दिए।

अनुपस्थित अधिकारियों का कटेगा वेतन: जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों के वेतन रोकने के साथ-साथ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए. उन्होंने रिवर ड्रेजिंग समीक्षा बैठक को आगामी गुरुवार को पुनः आयोजित करने और सभी संबंधित अधिकारियों को बैठक में भौतिक रूप से उपस्थित होने के आदेश दिए।