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मानव अधिकार आयोग ने परखी बाल सम्प्रेक्षण गृह की व्यवस्थाएं…

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मीडिया लाइव देहरादून: बीती 12 सितम्बर को बाल सम्प्रेक्षण गृह गडोली पौड़ी गढ़वाल में 17 वर्षीय नाबालिक निरुद्ध विधि विवादित अबुजर पुत्र जमील अहमद निवासी लकड़ी पड़ाव कोटद्वार ने आत्महत्या कर दी थी । इस गंभीर मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए  न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट, अध्यक्ष उत्तराखंड मानव अधिकार आयोग ने 23 सितम्बर को बाल सम्प्रेक्षण गृह का स्थलीय निरीक्षण किया।

वहीं आज मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस कक्ष में सम्बंधित अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग ने कहा कि भ्रमण का यह उद्देश्य बाल सुधार गृहों में इस प्रकार की घटनाएं को रोकने के लिए उचित एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करवाना है। उन्होने कहा कि आयोग अपने स्तर से भी प्रकरण की आख्या शासन को प्रेषित करेगा।

गत दिवस बाल सम्प्रेक्षण गृह के निरीक्षण के दौरान अध्यक्ष मानवाधिकार आयोग ने प्रवेश व निकासी सम्बंधी पजिकाओं के साथ-साथ सीसीटीवी फुटेज, शयन कक्ष, ऑर्ब्जवेशन कक्ष, मनोरंजन कक्ष, रसोईघर, स्टोर सहित शौचालय का निरीक्षण किया। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाल सम्प्रेक्षण गृह में जो भी अतिरिक्त सुविधाएं या व्यवस्थाऐं की जा सकती हैं उसे प्राथमिकता के आधार पर करें।

निरीक्षण के दौरान बाल सम्प्रेक्षण गृह में आवश्यक व्यवस्थायें सुचारू पायी गयी। भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को बाल सम्प्रेक्षण गृह में आने वाले नाबालिगों पर केन्द्रित क्रियाकलापों को शामिल करने, उनकी मनोदशा को सकारात्मक बनाये रखने के लिए जीवन को प्रभावित करने वाली डाम्यूमेंटरीज इत्यादि पहलुओं पर अमल करने को कहा। इस दौरान बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने बाल सम्प्रेक्षण गृह को और अधिक व्यवस्थित व कम्फर्ट बनाये जाने के लिए अपने-अपने सुझाव भी अध्यक्ष के सम्मुख रखे।

इस मौके पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ आशीष चौहान, अपर सचिव/निदेशक,बाल विकास प्रशान्त आर्य, एसएसपी गढ़वाल लोकेश्वर सिंह, एडीएम ईला गिरी, जॉइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचन्द्र सेठ, अनुसचिव राजेन्द्र सिंह झिंक्वांण, मोहित चौधरी, डीपीओ देवेंद्र थपलियाल तहसीलदार दीवान सिंह राणा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।