उत्तराखण्ड न्यूज़नेशनल ग्लोबल न्यूज़सियासत

कांग्रेस 1990 से पहले के दौर में प्रवेश कर चुकी है, वास्तविक मुद्दे सियासी विमर्श में शामिल

FacebookTwitterGoogle+WhatsAppGoogle GmailWeChatYahoo BookmarksYahoo MailYahoo Messenger

मीडिया लाइव : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का घोषणा पत्र 2019 जारी किया है। कांग्रेस का जो घोषणापत्र 2019 जारी किया गया है, उसमें न्यूनतम आय योजना (न्याय) और स्वास्थ्य के अधिकार के साथ किसान कल्याण तथा दलितों एवं ओबीसी समुदायों के लिए कई प्रमुख वादे शामिल हैं। घोषणा पत्र में ‘न्याय’ योजना का प्रमुखता से उल्लेख है, जिसके तहत गरीबों को 72,000 रुपये सालाना देने के वादा किया गया है। इसके अलावा साढ़े बाईस लाख लोगों को एक साल में नौकरियां देने का वादा किया गया है. जानकारी के मुताबिक और सरकारी आंकड़ों के माने तो इस वक्त सरकारी विभागों में 22 लाख से अधिक पद रिक्त चल रहे हैं. जिन्हे कांग्रेस ने सत्ता में आने के एक साल के भीतर भरने की बात की है. बताते चलें कि देश में बेरोजगारी के दर अपने अधिकतम ऊंचाई पर है. इसके अलावा कांग्रेस 1990 के पहले के स्वरूप में लौटती हुई दिखाई दे रही है. वह गांव किसान के भारत की बात कर रही है. अब इस चुनाव में जनता के असल मुद्दों पर ध्यान केंद्रित होता दिख रहा है. पीबी नरसिम्हा राव के दौर से देश में नव उदारवाद की निति पर काम शुरू किया. जिसमें लगातार औद्योगिक क्षेत्र के तरफ सरकार मेहरबान दिखाई दी. किसी भी सरकार ने इस रस्ते को छोड़ कर असल भारत के तरफ ध्यान देने के जरूरत नहीं समझी, यहां तक कि तत्कालीन वित्तमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदम्बर खुद उदारीकरण के पैरोकार रहे. अब इस घोषणा पत्र को जारी करते वक्त दोनों की मौजूदगी बताती है कांग्रेस अब लम्बे वक्त बाद कुछ बड़े बदलाव के लिए तैयार हो चुकी है. इस लोकसभा चुनाव का परिणाम चाहे कुछः भी हो लेकिन आने वाले वक्त में देश के मिजाज और जनता की वास्तबिक जरूरतों पर फोकस होना तय है. चाहे वो किसी भी रूप में होगा. बीजेपी का घोषणा पत्र अभी सामने आना बाकी है. जिसमें देखने के लिए बहुत कुछ संभावनाएं नहीं हैं . क्योंकि अचार संहिता लगने से पहले मौजूदा सरकार ने जीतनी घोषणाएं और प्रोजेक्ट के शिलान्यास किये उसे देखते हुए नहीं लगता उसमें नया कुछ हो सकता है. यदि कुछ जल्दबाजी में बीजेपी कुछ नया दिखाने की कोशिश करती है है तो यह कॉपी पेस्ट की तरह हो सकता है. क्योंकि वह केवल मोदी के चेहरे और राष्ट्रवाद के साथ इस चुनाव में पहले ही उतर चुकी है. ऐसे में उसके लिए इतनी जल्दी पीछे लौटना नुकसान पहुंचा सकता है. लेकिन पार्टी के लिए लम्बी सियासत के लिए जनता के वास्तबिक मुद्दों पर देर-सबेर लौटना ही होगा. सवाल इस बात का नहीं है कि चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार किसकी बनेगी और कौन देश का अगला प्रधान मंत्री होगा.

अब तय हो चुका है कि राहुल गाँधी के नेतृत्व वाली पूरे बदलाव के लिए तैयार है, भले ही उनके सियासी विरोधी कुछ भी कहें लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष लोगों के वास्तबिक मुद्दों को सियासी विमर्श के दायरे में लाने में कामयाब हो गए हैं. अभी उन्होंने कुछ दिनों पहले ऐलान किया था कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो गरीबी हटाने के लिए न्यूनतम आय योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत देश के पांच करोड़ सबसे गरीब परिवारों को प्रति माह 6,000 रुपये दिए जाएंगे। पार्टी ने कहा है कि सरकार बनने पर सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा का अधिकार सुनिश्चित किया जाएगा।

इसके अलावा घोषणा पत्र में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बजट बढ़ाने का वादा किया गया है। अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए भी पार्टी ने कई वादे किए हैं। गांधी ने संप्रग प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कोषाध्यक्ष अहमद पटेल, घोषणापत्र समिति के प्रमुख पी चिदंबरम और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में घोषणा पत्र जारी किया।