दिशा ग्रीन और दिशा फॉरेस्ट प्रोजेक्ट पर उठे सवालों, को निराधार करार दिया !
मीडिया लाइव, देहरादून : हाल ही में चर्चित एडवोकेट विकेश नेगी ने राजधानी देहरादून के ग्राम पौंधा में चल रहे दिशा ग्रीन और दिशा फॉरेस्ट प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए थे और कहा गया था कि दोनों प्रोजेक्ट की भूमि लगभग 300 बीघा है, जिसके स्टांप में भी चोरी की गई है और इतना ही नहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि दोनों ही प्रोजेक्ट एमडी डीए और रेरा से रजिस्टर्ड नहीं है . इतना ही नहीं यहाँ 1500 पेड़ काटने की बात भी कही थी, जिन आरोपों को अब निराधार बताते हुए आज इंदर सिंह बिष्ट के वकीलों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी आरोपो को निराधार बताया .
इस प्रेस कांफ्रेंस में खा गया कि दोनों प्रोजेक्ट भूमि में कोई भी सरकारी अथवा गोल्डन फॉरेस्ट की भूमि नहीं है इसकी पुष्टि हेतु राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश के आदेश की प्रति उपलब्ध है इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यह भूमि दोनों प्रोजेक्ट की कुल मिलाकर 147 बीघा है जबकि आरोप लगाने वाले व्यक्ति 300 बीघा बता रहे हैं इसके साथ उन्होंने कहा कि दोनों प्रोजेक्ट विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया से शासन द्वारा प्रयोग कराया गया है जिसका शासनादेश एंडीडीए और रेरा सर्टिफिकेट की प्रति उपलब्ध है पेड़ों के कटान के लिए कहा कि 1500 पेड़ काटने की बात झूठ और मामले को सनसनी बनाने हेतु कही गई है जिसका वास्तविकता से कोई भी लेना देना नहीं है जब भूमि खरीदी गई थी तो उस पर लगभग 25 से 30 पेड़ थे जो कि बेकायदा अनुमति लेकर हटाए गए हैं और स्टांप शुल्क को लेकर उन्होंने कहा कि स्टांप शुल्क चोरी करने का आरोप हास्यास्पद है वास्तविकता यह है कि प्रोजेक्ट दिशा फॉरेस्ट की सेल डीड्स द्वारा आज की तिथि तक सरकार को एक करोड़ 35 लख रुपए अधिक स्टांप राज्य से प्राप्त हुआ है जिसमें चोरी की कोई भी गुंजाइश नहीं है।