MEDIA LIVE : दिल्ली सरकार: कोरोना में जान गवाने वाले परिवारों को 50 हजार रुपए आर्थिक सहायता ढाई हजार रुपए पेंशन
Mukhyamantri COVID-19 Pariwar Aarthik Sahayata Yojana :
50 हजार रुपए आर्थिक सहायता ढाई हजार रुपए पेंशन:
नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने कोरोना महामारी में अपनों को खोने वाले परिवारों की आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना की शुरुआत कर दी है। केजरीवाल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना के लिए पोर्टल लांच किया। इसके तहत जिन परिवारों में कोरोना से मृत्यु हुई है, उन्हें 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही परिवारों को 2500 रुपये की पेंशन भी दी जाएगी।
कोरोना काल के महा पीड़ितों को देश में इस तरह की पहली योजना:
देश में सबसे पहले ऐसी कोई योजना राजधानी दिल्ली में ही लागू हो रही है। कोरोना महामारी के चलते अनाथ हुए बच्चों या पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद देने के यह कदम उठाया गया है। इस योजना से कोरोना पीड़ित परिवारों को जल्द और आसानी से आर्थिक मदद मिल सकेगी। इस योजना में सरकार पीड़ितों के आश्रित बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखेगी।
अपनों की जान गवाने वाले परिवारों की पीड़ा को गहरे से समझने की कोशिश की है दिल्ली सरकार ने:
सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस महामारी में जिन्होंने अपनों को खोया है, उसकी भरपाई तो कोई नहीं कर सकता लेकिन ‘मुख्यमंत्री COVID-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना’ से हमारी कोशिश इस मुश्किल वक्त में उन परिवारों का साथ देने की है ताकि वे हालातों से लड़कर आगे बढ़ सकें। किसी के घर में Corona से Death हो गई है, कमाने वाला चला गया, बच्चों को पढ़ाई की दिक्कत हो रही है, हमें उन तक जल्दी से जल्दी सहायता राशि पहुंचानी है।
योजना का लाभ पहुंचाने को पीड़ितों के घर तक जाएगी सरकार:
मुख्यमंत्रीने इस योजना को लॉन्च करते वक्त इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। योजना के तहत पोर्टल लॉन्च किया गया है, जिस पर पीड़ित परिवार आवेदन कर सकते हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी बताया कि हम ये इंतजार नहीं करेंगे कि कौन-कौन ऑनलाइन आवेदन कर रहा है। बल्कि हम पीड़ित परिवारों के घरों तक खुद जाएंगे और लोगों की मदद करेंगे।
कागजों में खामियां नहीं निकालेंगे, बल्कि कमियां दूर करेंगे:
मुख्यमंत्री ने आह्वान किया कि जो लोग इस काम के लिए पीड़ितों के घर जाएंगे वो कागजों में कमियां नहीं निकालेंगे। बल्कि जो कमी होगी उसे पूरी करने की जिम्मेदारी सरकार की होगी और फॉर्म भरवाने से लेकर सब पैसे पीड़ितों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सरकारी की होगी।
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