देश में मोदी की टीआरपी पॉलिटिक्स : राहुल
मीडिया लाइव, नई दिल्ली: सोनिया गांधी की खराब सेहत के चलते आखिर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मैदान में फुल फॉर्म में आना ही पड रहा है. जिसकी शुरूआत उन्होंने शुक्रवार को पहली बार संसदीय दल की बैठक की अध्यक्षता करते हुयी की अब इसे साफतौर पर राहुल के अध्यक्ष बनने की दिशा में एक जरूरी कदम माना जा रहा है.
मालूम हो कि सेहत ठीक न होने कारण कांग्रेस राष्टीय अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बैठक में मौजूद नहीं हो सकी. बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना बहुत ही शार्प तरीके से निशाना साधते हुए कहा कि प्रधान मंत्री की ‘टीआरपी पॉलिटिक्स’ में ज्यादा रुचि है. उन्होंने कहा कि मोदी अपनी ही छवि के बंदी हो गए हैं और उनकी वजह से देश को नुकसान पहुंच रहा है. उन्होंने कश्मीर के मसले पर कहा कि बीजेपी-पीडीपी में मौक़ा परस्त गठबंधन है.
इसके पहले राहुल कांग्रेस की शीर्ष निर्णायक बॉडी कांग्रेस कार्य समिति को संबोधित कर चुके हैं और अब आखिरकार कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्षता करने से यह साफ हो गया है कांग्रेस की कमान उनके ही हाथ में होगी. वह लोकसभा में नोटबंदी के ऊपर हमलावर कांग्रेसी टीम का नेतृत्व भी कर सकते हैं. उनके नोटबंदी के मसले पर संसद में भाषण देने की पूरी संभावना है.
राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं से कहा, ‘ हमारे देश में कभी भी कोई ऐसा प्रधानमंत्री नहीं रहा, जो अपनी पूरी नीति टीआरपी के आधार पर बनाता हो.’ टीआरपी का मतलब होता है टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट, जिसके आधार पर यह तय किया जाता है कि किस टीवी चैनल को कितने दर्शक देख रहे हैं. राहुल ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री की अक्षमता और गुरूर की वजह से देश को भारी नुकसान हो रहा है.’ नोटबंदी के मसले पर राहुल ने कहा, ‘हमें इसके पहले कभी ऐसा प्रधानमंत्री नहीं देखा, जिसने अपनी छवि बचाने के लिए देशवासियों को इतने जबर्दस्त मुश्किल में डाला हो. अब लग ये रहा है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्टी ने साफतौर से संकेत दे दिया था कि संसद के भीतर पार्टी के कामकाज में उपाध्यक्ष राहुल गांधी की अधिकतम भूमिका होगी. वही राहुल के इस प्रधान मंत्री की टीआरपी पॉलिटिक्स वाले आरोप पर अब देश भर के राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा का एक विषय जरूर गर्म हो सकता है.