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जिनोमिक्स: पशुओं की उन्नत नस्ल तैयार होगी

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नई दिल्ली : जीन तकनीक के जरिए देश में पशुओं की उन्नत नस्ल विकसित करने की महत्वपूर्ण योजना बनाई जा रही है. इससे अधिक उत्पादकता, रोग प्रतिरोधी और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल पशुधन विकसित होगा और ग्रामीण आबादी का जीवन स्तर सुधारने में काफी मदद मिलेगी। इससे से स्वरोजगार और ग्रामीण आबादी के सामने नए व्यावसायिक मौके उपलब्ध होंगे. इस दिशा में भारत सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है. भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को इससे मजबूती मिलेगी.

  केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्षवर्धन इस पर बता चुके हैं कि उनके मंत्रालय ने विज्ञान के माध्यम से आमजन और खास तौर पर  देश के किसानों का जीवन स्तर सुधारने के लक्ष्य से कैटल जिनोमिक्स और बॉयोटेक्स किसान नाम से दो नयी पहल शुरू की है जिनका लक्ष्य विज्ञान और खासकर जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे नए अनुसंधानों और प्रयोगों का लाभ छोटे और सीमांत किसानों के खेत खलिहानों तक पहुंचाना है।

आपको बता दें कि जलवायु परिवर्तन छोटे किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है इसका सबसे ज्यादा प्रभाव उनकी आजीविका के मुख्य साधन पशुधन पर पड़ता रहा है। देश में 2020 तक पशु खाद्य उत्पादों की मांग में काफी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में पशुधन को सशक्त रोग प्रतिरोधी और ज्यादा उत्पादक बनाने के लिए देशी और विदेशी नस्लों का चयन कर नई और उन्नत आनुवांशिक सरंचना वाले पशुधन विकसित करने के लिए हाई डेंसिटी चिप्स का विकास किया जाएगा। इन चिप्स के जरिए भविष्य में ऐसे पशुओं का प्रजनन समय,अंतराल और लागत को कम कर उनकी उत्पादकता में वृद्धि की जा सकेगी।

कैटल जिनोमिक्स के साथ ही बॉयोटेक किसान भी एक नयी पहल है । इसका उद्देश्य जैव प्रौद्योगिकी नवोन्मेष के जरिए किसानों खासकर महिला किसानों को ध्यान में रख कर उन्हें लाभान्वित करना है। देश में सूखा,बाढ़, मिट्टी, पानी और बीज की गुणवत्ता एवं उपलब्धता तथा फसलों का भंडारण और उत्पादों का विपणन किसानों के समक्ष बड़ी चुनौतियां रहती हैं जिससे निबटने में यह कार्यक्रम मददगार साबित हो सकता है.